BSC 2nd year Physical Chemistry important question 2024 | Bsc 2nd year important Question 2024

BSC 2nd year Physical Chemistry important question 2024


 यहां पर जो आपको सभी प्रश्न बताए गए हैं वह 2024 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है आप यह प्रश्न 2024 परीक्षा में जरूर याद करके जाएं यहां से अच्छे नंबर आपको प्राप्त हो जाएंगे 

बीएससी द्वितीय वर्ष यहां पर आपको प्रश्न भी है और उत्तर भी है प्रश्न चाहिए तो प्रश्न पर जाकर देखें उत्तर चाहिए तो उत्तर पर जाकर देखें 

प्रश्नन 1. निम्न पर टिप्पणी लिखिये

  चालकता सेल 

उत्तर-  चालकताा सेल-  जिस विलयन की चालकता ज्ञात करना होती है उसे एक विशेष प्रकार के ताल में ले लिया जाता है जिसे चालकता सैल कहते हैं। 

चालकताा सैल में प्लेटिनम की प्लेट इलेक्ट्रोड का कार्य करिती है। यह प्लेटिन की प्लेट सूक्ष्म विभाजित प्लेटिनम की परत होती है यह प्लेट प्लेटिनम के तारों के साथ वेल्ड को हुई रहती है। इन नलियों में पारा भरा रहता है तथा वे सेल के एबोनाइट खोल में मजबूती से जकड़ी रहती है। जिससे प्रयोग के दौरान इलेक्ट्रोडों के बीच की दूरी स्थिर रहती है। प्लेटिनम के साथ सम्पर्क परिपथ के ताबें के तारों को नलियों में भरे पारे में डूबो कर स्थापित किया जाता है। इसमें विद्युत धारा प्रवाहित करके प्रतिरोध का मापन कर लिया जाता है। इस विधि में धारा के चालन के साथ-साथ विलयन का वैद्युत अपघाटन भी हो जाता हैं जिससे निम्न दो कठिनाइयाँ उत्पन्न हो जाती है 

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 (1) विलयन के सान्द्रण में परिवर्तन आ जाता है। 

 (2) इलेक्ट्रोडो पर उत्पादो के इकट्ठा होने से धुवण होता है तथा धारा में अवरोध उत्पन्न होने के कारण प्रतिरोध में परिवर्तन हो जाता है। इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए दिए धारा के स्थान पर प्रत्यावर्ती धारा का प्रयोग करते हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए |

 (1) चालकता का ताप पर प्रभाव 

 (2 ) चालकता का तनुता पर प्रभाव 

उत्तर--(1) चालकता का ताप पर प्रभाव

 किसी भी न का तापमान बढ़ाने पर उस विलयन में उपस्थित विद्युत अपघट्य का आयनन अधिक हो जाता है एवं धनायनों व ऋणायनों का अभिगमनांक भी बड़ जाता है जिससे चालकता बढ़ जाती हैं अत: तापमान बढ़ाने पर विलपन को चालकता बढ़ जाती है। 


(2) चालकता पर तनुता का प्रभाव

 किसी विलयन की चालकता उस विलयन में विद्यमान आयनों के कारण होती है : विलयन में जितने अधिक आयन होंगे उसकी उतनी ही अधिक चालकता होगी किसी विलयन का तनुकरण करने से उस पदार्थ के वियोजन की माधा द जाती है, फलतः उसमें आयनों की सान्द्रता बढ़ जाती है किसी विलयन को तनुता बढ़ने से उसमें जितने आपनों को सान्द्रता बढेगी उससे कहीं अधिक उस विलयन का आयतन बढ़ जायेगा। फलतः इकाई आयतन विलयन में विद्यमान आयनों की सान्द्रता तनुता के साथ घटती है। यही कारण है कि विलयन की मोलर चालकता का मान तनुता बढ़ने के साथ बढ़ता है, क्योंकि तनुता बढ़ने के साथ पदार्थ के एक मोल पदार्थ से वियोजित हुए आपनों को संख्या बढ़ती है। लेकिन तमुता बयने के साथ विलयन को चिशिष्ट चालकता का मान कम होता है क्योंकि इकाई आयतन में विद्यमान आयनों की संख्या घटती है। 

प्रशन 3. निम्न लेख पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए 

 (i) यूटेक्टिक बिन्दु

  (ii) सीसे का विरजतीकरण 

उत्तर--  (i) यूटेक्टिक बिन्दु वह न्यूनतम ताप है जिस पर गलित द्रव अस्तित्व में रह सकता है। इस बिन्दु के ताप को यूटेक्टिक ताप कहते हैं और इस बिन्दु पर विद्यमान मिश्रण के संघटन को यूटेक्टिक संघटन कहते हैं। इस यूटेक्टिक बिन्दु पर मिश्रण का संघटन (40% Bi) और ताप (140°C) दोनों ही निश्चित है। अत: इस बिन्दु पर तन्त्र अचर है, इसे हम सूत्र द्वारा सिद्ध भी कर सकते हैं। नियंत्रित प्रावस्था नियम के अनुसार,

 F=C-P+1 C = 2, P = 3 

(क्योंकि इस बिन्दु पर ठोस बिस्मथ, ठोस कैडमियम और द्रव मिश्रण तीन प्रावस्थाएँ विद्यमान हैं) 

अतः F = 2-3 +1= 0 अर्थात् 

इस विन्दु पर तन्त्र अचर है।

 (ii) सीसे का विरजतीकरण 

सीसे में यदि चाँदी की मात्रा बहुत कम हो तो इसमें पेटिन्सन विधि द्वारा चांदी मिलती है सीसे व चाँदी की मिश्र धातु को पिघलाकर ठण्डा करने पर सीसा ठोस बनकर अलग हो जाता है चाँदी का सांद्रण बढ़ जाता है जब चाँदी की मात्रा 2.4% हो जाती है तो वह पिघलकर ठण्डा होकर ठोस बन जाता है। रजतमय सीसे को पिघला कर ठंडा करते हैं धातु सीसे के क्रिस्टल जिसमें नाममात्र की चाँदी होती है अलग हो जाती है इन्हें सछिद्र चम्मचों द्वारा निकाल लेते हैं पिघला कर ठण्डा करने की यह क्रिया उस समय तक दोहराते हैं। जब तक कि मिश्रण एक साथ ठोस न हो जाये। इस मिश्र धात से खर्परण द्वारा चाँदी मिलती है।

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