DNA fingerprint kya hai,डीएनए फिंगरप्रिंटिंग क्या है,डीएनए फिंगरप्रिंट की खोज किसने की थी

 

डीएनए फिंगरप्रिंटिंग की खोज किसके द्वारा की गई

उत्तर  एलेक जैफरी नामक वैज्ञानिक द्वारा 1986 में की गई

DNA फिंगर प्रिंटिंग 

                            डीएनए फिंगर प्रिंटिंग सामान्य रूप से फॉरेंसिक विज्ञान में प्रयोग की जाती है इसका विकाश एलक जैफरी  नामक वैज्ञानिक द्वारा 1986 में किया गया था
    

      डीएनए फिंगर प्रिंटिंग के अंतर्गत सामान्य रूप से डीएनए प्रॉब्स का प्रयोग किया जाता है इसके द्वारा प्राप्त होने वाले सैंपल डीएनए के क्षारक अनुक्रमो की पहचान करके उनका प्रिंट लिया जाता है


    डीएनए के फिंगर प्रिंटिंग में बार-बार पुर्नावर्त होने वाले क्षारक अनुक्रमो की पहचान की जाती है और इनकी पुनरावृति के आधार पर इन्हें अल्ट्रा सेंटर  ट्युवेशन द्वारा अलग  कर लिया  जाता है


      सर्वप्रथम जिस व्यक्ति की डीएनए फिंगरप्रिंटिंग ज्ञात करनी हो उसके डीएनए को प्राप्त करने के लिए रक्त , ऊतक, मृत हड्डियां आदि कोई भी सैंपल प्राप्त किया जाता है


      प्राप्त डीएनए को रिस्ट्रिक्शन एंजाइम द्वारा उपचारित करके इससे डीएनए (DNA)को अलग कर लिया जाता है


       इसके पश्चात जैल इलेक्ट्रोफॉरेसिस द्वारा डीएनए के विघटन का आकलन कर लिया जाता है

        जेल में डीएनए के विघटन के पश्चात नाइट्रोसैलूलोज पर स्थानांतरित कर लिया जाता है

      नाइट्रोसैलूलोज के पश्चात लगभग इसे 80° C  तक गर्म किया जाता है जिसके द्वारा डीएनए फिल्टर पर निश्चलित हो जाते हैं


  अब मुक्त अनवेषी प्राब्स मे लेकर इसकी संक्ररित स्थलों को ऑटो रेडियोग्राफी द्वारा चिन्हित कर लिया जाता है


      ये चिन्हित स्थल पट्टीओ केरूप में प्राप्त होते हैं
और इन्हें ही फिंगर प्रिंटिंग कहा जाता है 

 
   और यह डीएनए फिंगरप्रिंटिंग कि व्यक्ति विशेष पहचान होती है

आपको यहां पर डीएनए फिंगर प्रिंटिंग की बहुत ही सरल परिभाषा के द्वारा संपूर्ण विशेषता बताई गई है कृपया इसको अपनी नोटबुक में जरूर नोट करें

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