विश्व विद्यालयों के फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को छोड़कर सभी विद्यार्थी इस वर्ष भी बिना परीक्षा अगली कक्षा में होंगे प्रमोट

 


साफ-साफ कहने का मतलब है जो विद्यार्थी( 1st,2nd year ) फर्स्ट ईयर सेकंड ईयर में पढ़ते हैं उन सभी को प्रमोट किया जाएगा


आप सभी को पता है कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण पूरे भारतवर्ष देश की क्या हालात है

विश्वविद्यालय के ऊपर यह फैसला यूजीसी की तरफ से मान्य किया गया है तथा सुप्रीम कोर्ट ने भी फाइनल कर दिया है कि विद्यार्थियों को इस वर्ष भी प्रमोट किया जाएगा सुप्रीम कोर्ट ने कहा यूजीसी का फैसला  सर्वमान्य होगा

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कोरोना संक्रमण की नई लहर से देशभर में मचे हाहाकार के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल परीक्षाओं से जुड़ा फैसला विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया है। वे स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए परीक्षाएं कराने या फिर छात्रों को सीधे प्रमोट करने का फैसला ले सकेंगे। हालांकि अब तक जो स्थिति है, उसमें ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष की छोड़कर बाकी सभी छात्रों को बगैर परीक्षा के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए विश्वविद्यालयों ने यूजीसी की और से पिछले साल परीक्षाओं को लेकर तय की गई गाइडलाइन को आधार बनाया है।

यूजीसी का कहना है कि कोरोना संक्रमण का प्रभाव देश के अलग-अलग हिस्सों में कम और ज्यादा है। ऐसे में परीक्षाओं को लेकर इस बार कोई स्टैंडर्ड
गाइडलाइन अभी नहीं बनाई गई है। लिहाजा आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों को पिछले साल ही परीक्षाओं और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर तैयार की गई गाइडलाइन के आधार पर तैयारी करने को कहा है। यूजीसी का साफ कहना है कि यदि किसी विश्वविद्यालय की कहीं कोई असुविधा होगी तो उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। इस बीच, विश्वविद्यालयों ने स्नातक के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को आंतरिक आकलन या फिर पिछले

साल के प्रदर्शन के आधार पर अंक प्रदान करके प्रमोट करने की तैयारी शुरू कर दी है साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई-अगस्त में कराने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। हालांकि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर कोई भी फैसला जून के पहले हफ्ते में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। यूजीसी के सचिव डा. रजनीश जैन के मुताबिक विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थान होते हैं। ऐसे में उन्हें परीक्षाओं और शैक्षणिक सत्र आदि को लेकर अपने स्तर पर कोई भी फैसला लेने का पूरा अधिकार है। बता दें कि पिछले साल विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर काफी विवाद हुआ था। कई राज्यों ने यूजीसी की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को कराने की अनिवार्यता की चुनौती दी थी। बाद में पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था। जिसके बाद कोर्ट ने सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी के निर्देशों को मानना जरूरी बताया था।

आखिरकार पिछले वर्ष की तरह सभी को प्रमोट किया जायेगा

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