स्टार्क आइंस्टीन नियम,stark einstein law in hindi


इस नियम को अन्य 2 नामों से भी जाना जाता है

1.प्रकाश रासायनिक तुल्यता नियम क्या है ,2.क्वाण्टम सक्रियण नियम

इस आर्टिकल में आपको यहां पर स्टार्क आइंस्टीन का नियम बताया गया है बिल्कुल साधारण शब्दों में जो आपको बिल्कुल देखते ही याद हो जाएगा क्योंकि इसकी परिभाषा मात्र 1 लाइन की है तो नीचे आपको परिभाषा बताई गई है उसको नोट करें अपने नोटबुक में लिखें और उसे याद करें क्योंकि यह प्रश्न हर बार परीक्षा में पूछा जाता है


परिभाषा - एक अणु द्वारा अवशोषित विकिरणों का प्रत्येक क्वाण्टम प्रकाश-रासायनिक अभिक्रिया के प्राथमिक पद में एक अणु को सक्रियित करता है।"


और पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें


स्टार्क- आइन्सटीन का नियम या प्रकाश-रासायनिक तुल्यता का नियम ---  (STARK-EINSTEIN LAW OR LAW OF PHOTOCHEMICAL EQUIVALENCE)


सन् 1908 में स्टार्क ने तथा सन् 1912 में आइन्सटीन ने ऊर्जा की क्वाण्टम अवधारणा को अणुओं की प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाओं पर लांगू किया और एक नियम दिया जिसे 'क्वाण्टम सक्रियण' (Quantum activation) अथवा|प्रकाश-रासायनिक तुल्यता का नियम अथवा स्टार्क-आइन्सटीन का नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार, "एक अणु द्वारा अवशोषित विकिरणों का प्रत्येक क्वाण्टम प्रकाश-रासायनिक अभिक्रिया के प्राथमिक पद में एक अणु को सक्रियित करता है।" प्रकाश-रासायनिक अभिक्रियाएं कई पदों में सम्पन्न होती हैं अतः इनमें इस बात का भेद करना अत्यन्त आवश्यक है कि अभिक्रिया का प्रकाश अवशोषण वाला प्राथमिक पद कौन-सा है और आगे के अन्य पद कौन-से हैं। यह कतई आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक सक्रियित अणु रासायनिक अभिक्रिया में भाग ले ही ले, दूसरी ओर यह भी हो सकता है कि एक सक्रियित अणु अभिक्रियाओं की एक श्रृंखला से गुजरता हुआ कई अन्य अणुओं से अभिक्रिया सम्पन्न करवा ले। अतः यह बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि प्रत्येक अवशोषित क्वाण्टा से एक अणु अभिक्रिया में भाग लेगा।


ऊर्जा के एक क्वाण्टम या एक फोटॉन का अर्थ है, hv ऊर्जा, जहां h प्लांक स्थिरांक है और v विकिरणों की आवृत्ति है। क्रियाकारक का एक अणु एक फोटॉन के अवशोषण से उत्तेजित होता है।




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